Epigraphical study at Bhaje Caves (Marathi article) -- Part 4.
भाजे
लेण्यांतील शिलालेख
भाज्यामधील
शिलालेख हे कार्ल्याच्या
तुलनेने संख्येने कमी आणि
जास्त अस्पष्ट आहेत.
तसेच
हे शिलालेख हे बहुतेकसे एका-एका
वाक्याचे आहेत.
१.
चैत्यगृहाच्या
उजवीकडे पाण्याच्या टाक्यावर
वरील
ओळ
माझे
लिप्यंतर |
म
|
हा
|
र
|
ज
|
स
|
|
बर्जेस |
म
|
हा
|
र
|
थि
|
स
|
|
|
|
|
|
|
|
|
माझे
लिप्यंतर |
का
|
सि
|
की
|
पु
|
त
|
स
|
बर्जेस |
को
|
सि
|
की
|
पु
|
त
|
स
|
खालील
ओळ
माझे
लिप्यंतर |
म
|
णु
|
ह
|
द
|
...
|
पो
|
ढ
|
बर्जेस |
वि
|
|
|
द
|
तस
देयधम
|
पो
|
ढी
|
२.
स्तूपसमूहातील
बाहेरील स्तूप १ (डावीकडचा)
छायाचित्र
१२
बर्जेसच्या
पुस्तकात याचा उल्लेख सापडला
नाही.
प
|
-
|
व
|
स
|
भ
|
तु
|
स
|
ट
|
न
|
-
|
थ
|
मो
|
३.
स्तूपसमूहातील
बाहेरील स्तूप ४ (उजवीकडचा)
छायाचित्र
१३
माझे
लिप्यंतर |
थे
|
र
|
नां
|
भ
|
सं
|
त
|
|
बर्जेस |
थे
|
रा
|
नं
|
भ
|
यं
|
त
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
माझे
लिप्यंतर |
आं
|
प
|
का
|
ण
|
का
|
इ
|
|
बर्जेस |
अं
|
पि
|
कि
|
ण
|
का
|
नं
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
माझे
लिप्यंतर |
थ
|
पो
|
|
|
|
|
|
बर्जेस |
थू
|
पो
|
|
|
|
|
|
शिलालेखांवरून
काय शिकायचे?
शिलालेख
वाचन हे इतिहास अभ्यासातील
एक अत्यंत महत्त्वाचे साधन
आहे. शिलालेखांवरून
आपल्याला प्राचीन काळातील
राज्ये,
राज्यकर्ते
व त्यांच्या वंशावळी,
त्यांचा
कार्यकाळ,
प्राचीन
चलने व इतर मोजमापाच्या पद्धती,
धर्म
व धर्मपद्धती,
महत्त्वाची
गावे व नगरे यांच्याबद्दल
माहिती मिळू शकते.
तसेच,
त्यावेळचे
महत्त्वाचे व्यापारी मार्ग
व स्थाने यांचीही माहिती
मिळते. आजमितीला
यातील अनेक स्थानांची नावे
बदलली आहेत तर काही नगरे
नामशेषही झाली आहेत.
परंतु
अशा अनेक लेखांचा आणि इतर
साहित्याचा अभ्यास केल्याने
आपल्या हाती काही धागेदोरे
लागू शकतात.
या सर्व
दृष्टीने शिलालेख,
नाणी,
ताम्रपत्रे
इत्यादींचा काळजीपूर्वक
अभ्यास जरुरीचा ठरतो.
स्थान
संदर्भ
१.
कार्ले
लेणी -
https://en.wikipedia.org/wiki/Karla_Caves
२.
भाजे
लेणी -
https://en.wikipedia.org/wiki/Bhaja_Caves
३.
कण्हेरी
लेणी -
https://en.wikipedia.org/wiki/Kanheri_Caves
४.
बेडसे
लेणी -
https://en.wikipedia.org/wiki/Bedse_Caves
Comments
Post a Comment